महाकालेश्वर मंदिर जैसा की नाम से स्पष्ट होता है यह भगवान कालेश्वर का मंदिर है | भगवान कालेश्वर की कथा गाँव गाँव में विख्यात है | ऐसा सुना है की भगवान कालेश्वर नाग स्वरुप में मंदिर में निवास करते है | इसलिए नाग रूप में ही उनकी पूजा करने का विधान है | भगवान कालेश्वर के मनन करने से सब विघ्न बाधाए दूर होकर शांति का अनुभव होता है | भगवान के प्रति मन होने पर सभी मनन कर्ता अपने ही जैसे लगने लगते है| मन रखने वाले अकारण किसी की निंदा , बुराई , कटुता छोड़ देते हैं | श्रद्धा बढती है |
श्रद्धा न रखने वाले लोग अपनी आदत नहीं छोड़ पाते भगवान भी उन्हें नहीं सुधार पाते ऐसा सुना है |
- विष्णु प्रसाद नागरा
महाकालेश्वर का अर्थ महाकाल , काल, काल भेरव व भेरव आदि नहीं है | यह एक सात्विक देवता का मंदिर है |
वैसे यह मन्दिर इतना प्रसिद्ध नहीं है जितना की होना चाहीए | उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर प्रसिद्ध है |
महाकालेश्वर = महाकाल के भी ईश्वर
पापी, अपराधी, नीछ, नराधम कई प्रकार के दुष्टों से पवित्र वस्तुए घिरी हुई है | नीछ मनुष्यों ने धर्म पर भी कब्ज़ा कर रखा है |
भारत मैं पहले हिन्दू धर्म था , फिर विदेशी लोगों के आगमन के कारण धर्म दूषित हुआ , फिर मुस्लिम भारत आए , फिर अंगरेज | फिर युद्ध भी होने लगे | इन सब परिवर्तनों के कारण सच्चे धर्म का लोप हो गया | अब केवल रीती बची थी वह भी दूषित हो गई |
घर घर में लड़ाई होने लगी | पहले गाय पवित्र समझी जाती थी , अब बिल्ली आ गई |
कुछ स्त्रियाँ भी उनकी सहयोगी हैं | ये सब अधर्म को ही धर्म बताते हैं| ये तामसी स्त्री हैं |
२४ घंटे लोगों को परेशान करना, निरंतर निंदा करना, भले मनुष्यों को तड़पता देख आनंद लेना आदि इन्हें बहुत अच्छा लगता है |
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